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आज हम २१ वी शताब्दी मैं जी रहे है,भाग दौड भरी जिन्दगी व व्यस्ततम जीवन है। आधुनिक सुख सुविधाओं से युक्त जीवन शैली के कारण हमारे शरीर पर अनेको रोगों ने घर कर लिया है .आधुनिक चिकित्सा विज्ञानं ने हमेंरोगों से तुरंत रहत तो दी है ,परन्तु वह अस्थाई है स्थाई उपचार तो योग एवं आयुर्विज्ञान से ही संभव है .योग एवम आयुर्वेद से उपचार व् स्वस्थ जन समुदाय की कल्पना की है सोचा जन-जन मे स्वास्थ की चेतना जगे और उपचार हो हमारी घरेलू जडी बूटी द्वारा.
निरोग रह्ऩे के लिये कुछ उपयॊगी सूत्र -----------
१ स्नान करने से पहले हमेशा ५ मिनट तक मस्तक के मध्य तलुवे पर किसी भी उत्तम तेल से मलिश करे इससे स्मरण शक्ति के विकास होत है. बाल काले चमकीले और मुलायम होते है, सिर दर्द से मुक्ति मिलती है.
२. सिर्फ़ पैर के तलुओ कि मालिश करने से नज़र तेज होती है, पैरो मे शक्ति आ जाती है , साइटिका रोग नही होता
३. अच्छे पाचन के लिये भोजन के एक घन्टे बाद पानी पीये.
४.चेहरे के दाग धब्बे व झाईया दूर करने के लिये रोज़ एलोवीरा का रस चेहरे पर लगाये.
4 टिप्पणियां:
good going ! keep it up.
Loved those tips...
U R really gr8
I loved it
Mammi aap kamal ho
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