सोमवार, 26 अगस्त 2013

कुछ घरेलू उपचार


janki.oli@gmail.comदांतों की मजबूती के लिये १-

 यदि मल-मूत्र त्याग के समय रोजाना उपर-नीचे के दांत को भींचकर बैठा जाये तो दांत जीवन नहीं हिलते। इससे दांत मजबूत होते है और जल्दी नहीं गिरते। लकवा मारने का डर भी नहीं रहता।

 जब भी टोयलेट करने जायें ऐसी आदत अवश्य डालनी चाहिये। इससे दांतों का पायरिया,खून या पीप आना, दांतों का हिलना बहुत शीघ्र बन्द हो जाता है। हिलते दांत आश्चर्यजनक रूप से दृढ़ हो जाते हैं।


  घुटनों का दर्द 

१- हल्दी, मैथी व सौठ बारीक चूर्ण की एक से दो चम्मच की मात्रा से पानी के साथ फक्की लगाने से घुटनों का दर्द समाप्त हो जाता है । विशेषकर बुढापे में घुटने नहीं दुखते ।

 इससे एड़ी का दर्द भी चला जाता है । लगातार कुछ समय तक इसका प्रयोग करे।

 २- Exercise मे हलासन करे व एक कुर्सी मे बैठ कर एक-एक कर पैर को उपर उठाये व नीचे करे लाभ होगा !

 ३- अनुलोम विलोम प्रणायाम २० से ३० मिनट नित्य करने से घुटनो के कार्टेज बनने लगते है ! ४- एलोवीरा का रस खाली पेट नित्य पीये !


  कमर दर्द

रात में 60ग्राम गेहूँ के दाने पानी में भिगो दें । सुबह इन भीगे हुए गेहूँ के साथ तीस ग्राम खसखस तथा तीस ग्राम धनिया की मींगी मिलाकर बारीक पीस लें । इस पेस्ट को दूध से पकालें और खीर बना लें । इस खीर को अपनी आवश्यकतानुसार सप्ताह-दो सप्ताह खाने से कमर का दर्द दूर हो जाता है एवं कमजोरी दूर होती है।

 भुजंगासन, शलभासन,मर्कटासन, व उत्तानपादासन आदि आसन नित्य करे!

  बवासीर

१- दो सूखे अंजीर शाम को पानी में भिगो दें। सवेरे खाली पेट उनको खाँये। इसी प्रकार सवेरे के भिगोये दो अंजीर शाम चार-पाँच बजे खाँयें। एक घंटा आगे-पीछे कुछ नहीं खायें। आठ-दस दिन के सेवन से बादी और खूनी हर प्रकार की वबासीर ठीक हो जाती है

 २- नाग दून के २ या ३ पत्ते प्रातः खाली पेट ३ य ४ दिन ले,या सुबह खाली पेट एक केले के बीच मे चने के दाने के बराबर देशी कपूर डालकर २ या ३ दिन सेवन करे!

 ३- कच्चे गाय के दूध मे (एक कप ) एक नीबू निचोड कर खाली पेट ३ या ४ दिन सेवन करे!

 ४- कपालभाति प्राणायाम खाली पेट कम से कम १५ -१५ मिनट करे !

 ५- एलोवीरा का रस खाली पेट नित्य पीये !

  मधुमेह

१- करेला मधुमेह में अमृत है। करेला के सेवन से ब्लड में ग्लुकोज काफी घट जाता है। तले हुए करेले या करेले की सब्जी रोज खाये

. २- मैथीदाना छ: ग्राम लेकर थोड़ा कूट लें और सायं 250 ग्राम पानी में भिगो दें। प्रात: इसे खूब घोंटे और कपडे से छान कर, बिना मीठा मिलाए पी लिया करे। दो मास सेवन करने से मधुमेह से छुटकारा मिल जाता है।

 ३- मिठाई, चावल, स्टार्च, मीठे फल आदि से परहेज करें। दही, फल, हरी शाक-सब्जियाँ, चौलाई, बथुआ, धनिया, पुदीना, पात गोभी, खीरा, ककड़ी, लौकी, बेल पत्र, नारियल, जामुन, करेला, मूली, टमाटर, नींबू, गाजर, प्याज, अदरक, छाछ, भीगे बादाम आदि लेना अधिक उपयोगी हैं।

 ४- कपालभाति व अनुलोम विलोम प्राणायाम खाली पेट कम से कम १५ -१५ मिनट करे !

 ५- मन्डूकासन रोज खाली पेट सुबह व शाम ५ से लेकर २१ बार तक कर सकते है इससे हमारा पेन्क्रियाज एक्टिव होने लगता है !

 ६- गिलोय व एलोवीरा का रस पीये !

  उच्च रक्तचाप [High blood pressure]

 १-प्याज का रस और शुध्द शहद बराबर मात्रा में मिलाकर नित्य दस ग्राम (दो चम्मच) की मात्रा में दिन में एक बार लेना रक्तचाप का प्रभावशाली इलाज है।

 प्याज का रस ब्लड में कोलेस्ट्राल की मात्रा को कम करके दिल के दौरे को रोकता है ।

 २- दालचीनी को पीस कर रख ले,एक चम्मच शहद मे आधा चम्मच पिसी दालचीनी मिलाकर रोज खाली पेट ले!

 ३- सूखे आँवले को पीसकर बारीक चूर्ण बना लें और उसमें आँवलें के बराबर वजन पिसी मिश्री मिलाकर काँच के बर्तन मे रखलें । रोज सवेरे खाली पेट दो चम्मच चूर्ण पानी के साथ लेने से कुछ ही दिनों में हृदय के समस्त रोग दूर हो जाते हैं। विशेषकर हृदय की धड़कन हृदय की कमजोरी आदि रोगो में लाभकारी है

 ४- आँवला दिल के तेज धड़कन,अनियमित हृदयगति, दिल का फैलना, दिल के ठीक से कार्य न करने से उच्चरक्तताप में हानिरहित औषधि और खाद्य पदार्थ है । यह हृदय को शक्तिशाली एवं रक्तवाहिनी को लचीला और मुलायमबनाता है ।

 ४- लहसुन का प्रयोग अपने भोजन मे करे! ५- अनुलोम विलोम प्राणायाम १५ मिनट से लेकर ३० मिनट तक रोज करे !

  निम्न रक्तचाप [ Low blood pressure ]

 १- किशमिश को किसी चीनी मिट्टी के कप में पानी में भिगों दे। बारह घंटे भीगने के बाद प्रात: खूब चबा-चबाकर खाने से निम्न रक्तचाप में बहुत लाभ होता है । पूर्ण लाभ के लिये एक माह तक उपयोग करे!

 २- निम्न रक्तचाप में तात्कालिक लाभ के लिये -बोलना बन्द कर दें । बायीं करवट लेकर लेटॆ !

 ३- नमक का प्रयोग थोडा बडा दे ! ४- कपालभाति व अनुलोम विलोम प्राणायाम नित्य करे !